नहाय खाय के साथ सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा का हुआ शुरुआत, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी बधाई
बिहार में सूर्य देव की आराधना से जुड़ा चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं।
नीतीश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह आत्मानुशासन का पर्व है। लोग शुद्ध अंत:करण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करता हू्ं।’’
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी आस्था, पवित्रता और अनुशासन के महापर्व के प्रारंभ होने पर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। उन्होंने राज्य के साथ-साथ पूरे देश के लोगों को छठ की सुभकामनाएं दीं।
तेजस्वी ने कहा कि यह त्योहार भारतीय संस्कृति का महापर्व है, जिसमें पवित्रता और अनुशासन पर खास ध्यान दिया जाता है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री राबड़ी देवी, वन एवं पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती ने भी लोगों को छठ की शुभकामनाएं दीं।
छठ पर्व का पहला दिन: नहाय-खाय
छठ पर्व के पहले दिन शुक्रवार सुबह व्रती अपने परिवार के सदस्यों के साथ राजधानी पटना के पास से गुजर रही गंगा नदी के विभिन्न घाटों सहित प्रदेश की अन्य नदियों के घाटों व तालाबों के किनारे पहुंचे और स्नान एवं सूर्य उपासना के साथ नहाय-खाय की रस्म पूरी की।
नहाय-खाय के दौरान व्रती अरवा चावल, चने की दाल, कद्दू की सब्जी और धनिया के पत्ते की चटनी का भोग लगाते हैं। सूर्य उपासना के इस पावन पर्व पर नहाय-खाय के अगले दिन यानी शनिवार को व्रतियों द्वारा निर्जला उपवास रखकर खरना किया जाएगा।
खरना में दूध, अरवा चावल और गुड़ से बनी खीर एवं रोटी का भोग लगाया जाता है। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास शुरू हो जाएगा, जो 30 अक्टूबर की शाम को अस्ताचलगामी सूर्य और 31 अक्टूबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा।